आपने कभी बहती हुई नदी को ध्यान से देखा है। बड़ी तेजी के साथ अपने Origin Point से बहना शुरू करती है। शुरुआत से ही उसका लक्ष्य अपनी मंजिल (सागर) को प्राप्त करना होता है।
रास्ते में हजारों बाधाएं आने पर भी वह लगातार बहती रहती है। भले ही कुछ जगहों पर उसकी रफ़्तार कम हो जाए……लेकिन वह रूकती कभी नहीं है। अपनी सुरीली आवाज के साथ बहती हुई नदी अपनी मंजिल की ओर लगातार बढ़ती रहती है…….और कैसे भी हो अपना लक्ष्य प्राप्त करके ही रहती है।
सोचो यदि नदी बीच में ही बहना छोड़ दे तो क्या होगा?……..उसका पानी ठहर जायेगा और वह कुछ ही दिनों में सूख कर नष्ट हो जाएगी।
दोस्तों! यही हमारी Life में होता है। यदि सफल होने के लिए आप कोई लक्ष्य तय करते हैं तो उस लक्ष्य तक पहुंचने की पहली शर्त यह है कि आपको लगातार अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहना है।…..यदि कहीं रुके तो असफलता निश्चित है।
अपने मनपसन्द लक्ष्य तक पहुंचना आसान कार्य नहीं होता।…….यदि आसान होता तो आज दुनिया के सभी लोग सफल होते। सफलता के रास्ते में बहुत सी बाधाएं सामने मुँह फैलाये खड़ी मिलती हैं। यह बाधाएं हमें रोकने की पूरी कोशिश करती हैं।
जो लोग मन से कमजोर होते हैं, जिनका confidence level बहुत कम होता है। वह इन परेशानियों के आगे झुक जाते हैं और असफलता को स्वीकार कर लेते हैं…….और बाद में अपने भाग्य को कोसते हैं।
लेकिन आप जैसे वीर लोग इन परेशानियों का सीना तान कर सामना करते हैं।……..भले ही Target तक पहुंचने की Speed में कुछ समय के लिए कमी आ जाए लेकिन रुकते कभी नहीं है। और जो रुकते नहीं है उन्हें अपनी मंजिल तक पहुंचने से कोई रोक ही नहीं सकता।
ध्यान रखिये! लक्ष्य तक पहुंचने के लिए लगातार चलते रहना पहली शर्त है।
लगातार बहती नदी ही अपनी मंजिल प्राप्त करती पाती है।
समय हमेशा चलता रहता है इसलिए दुनिया का हर इंसान समय का गुलाम है।……..हवा हमेशा चलती रहती है, कभी कम रफ्तार से तो कभी तेजी से, लेकिन रूकती कभी नहीं है इसलिए दुनिया के किसी भी जीव का जीवन हवा के बिना संभव ही नहीं है।
सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड जिसमे अरबो गैलेक्सी है, खरबों तारे हैं और अनगिनत ग्रह हैं, सभी चलते रहते हैं, कभी रुकते नहीं है।
प्रकृति का नियम है कि जो रुक गया, उसका असफल होना या नष्ट होना तय है।
यदि आप अपने Goal को प्राप्त करना चाहते हैं तो आज से ही अपनी कमर कस लीजिये और खुद से वादा कीजिये कि रुकना कभी नहीं है।
विवेकानंद जी ने सही ही कहा है, “उठो, जागो और लक्ष्य प्राप्ति तक मत रुको।”
सोचो कि जो लोग अपना लक्ष्य केवल इसलिए छोड़ देते हैं कि “इसके लिए चलना बहुत पड़ेगा”, इससे ज्यादा बड़ी असफलता कोई नहीं हो सकती…….क्योंकि सफलता व असफलता तो बाद की बात है, खुद को बिना प्रयास के असफलता की ओर धकेल देना, इससे बुरा कुछ हो ही नहीं सकता।
आपका दिल आपका सबसे बड़ा दोस्त है, वह आपके लिए, केवल आपके लिए हमेशा धड़कता रहता है ताकि आप अपनी मंजिल प्राप्त का सकें।
आपके शरीर के खून की हर एक बूँद हमेशा चलती रहती है, कभी नहीं रुकती, किसके लिए? केवल आपके लिए।
आपके शरीर के बहुत से अंग हमेशा चलते रहते हैं और संदेश देते रहते हैं कि लगातार चलना ही सफल जीवन है।
आपके कान हमेशा सुनते हैं और आपकी आँख हमेशा देखती है। किसके लिए? केवल और केवल आपके लिए ताकि आप सफलता की ओर हमेशा बिना रुके बढ़ते रहे।
दोस्तों! अब मैं आपको फिल्म “सफर” के एक गाने के बारे में बताना चाहता हूँ जिसे जिसे “मन्ना डे” ने गाया है, जरा इसकी Motivational Lines को तो पढ़िए–
नदिया चले चले रे धारा
चन्दा चले चले रे तारा
तुझको चलना होगा, तुझको चलना होगा……..
जीवन कहीं भी ठहरता नहीं है
आँधी से तूफां से डरता नहीं है
तू ना चलेगा तो चल देंगी राहें
मंज़िल को तरसेंगी तेरी निगाहें
तुझको चलना होगा, तुझको चलना होगा……….
पार हुआ वो रहा जो सफ़र में
जो भी रुका फिर गया वो भंवर में
नाव तो क्या बह जाये किनारा
बड़ी ही तेज़ समय की है धारा
तुझको चलना होगा, तुझको चलना होगा।
तो देर किस बात की है दोस्तों! आज और अभी से कमर कस लो और लक्ष्य तय करके उसकी ओर चलना शुरू कर दो। चलते रहे और बीच रास्ते में आयी बाधाओं को सीना तान कर पार करते रहे तो सफलता आपके कदमों में होगी।